निशान यूं तो थे रहगुज़र में बहुत
मगर मोड थे इस सफर में बहुत
कभी मैं हवा था बगुला कभी
रहा दहशतों के असर में बहुत
मगर मोड थे इस सफर में बहुत
निशान यूं तो थे रहगुज़र में बहुत
मैं अपने को पहचानता किस तरह
के आईने पे मेरे घर में बहुत
मगर मोड थे इस सफर में बहुत
निशान यूं तो थे रहगुज़र में बहुत
बहुत दूर तुझसा कभी मैं न था
मगर दिन लगे थे सफर में बहुत
मगर मोड थे इस सफर में बहुत
निशान यूं तो थे रहगुजर में बहुत
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