Jagat Janani Jagdambike

Sanjeev Abhyankar

जय जय मां...जय जय मां...जय जय मां.......जय जय मां....
जय जय मां...जय जय मां...जय जय मां...जय जय मां...
जगत जननी जगदंबिके हे मां...हे मां...(2)

मैं आठ पहर महिमा गाउं
तेरे सुमिरन से सुख पाउ
हे परम सुखदायि, फलदायी हे मां, हे मां

जगत जननी जगदंबिके हे माँ...हे माँ....(2)

तू दिव्यज्योत, तू सुखकारक
तू भक्तजनो की उद्धारक
भवसागर में सबकी तारक
तू स्वयं शक्ति, शक्तिधारक

में दिवस रैन तुझको ध्याऊं
तेरे सुमिरन से सुख पाउ
हे परम सुखदायी, फलदायी हे माँ, हे मां

जगत जननी जगदंबिके हे मां...हे मां....(2)

जय जय मां...जय जय मां...जय जय मां...जय जय मां...(2)

तू भवप्रीता, आनंदमयी
तू रणचंडी, तू कालजयी
हर युग में...तेरे रूप कई
हर पूजा में तू लगे नई

मन अपना तुझ तक ले जाऊ
तेरे सुमिरन से सुख पाऊ
हे परम सुखदाई, फलदायी हे माँ, हे माँ

जगत जननी जगदम्बिके हे माँ...हे माँ...(2)

तू शिवदूती, तू महाबला
दुर्जन पे तेरा वार चला सज्जन का तूने किया भला
हर पल तेरा आशीष भला

तुझमें रमकर में तर जाऊ
तेरे सुमिरन से सुख पाऊ
हे परम सुखदाई, फलदायी हे माँ, हे माँ

जगत जननी जगदम्बिके हे मां...हे मां...

में आठ पहर महिमा गाउं
तेरे सुमिरन से सुख पाऊ
हे परम सुखदाई, फलदायी हे मां, हे मां

जगत जननी जगदंबिके हे मां...हे मां...(2)
जय जय मां...जय जय मां...जय जय मां...जय जय मां...(2)
जय जय मां...जय मां...जय मां...जय जय मां (2)
जय जय मां...जय जय माँ...जय जय माँ...जय जय माँ...

Lyrics Submitted by TRIKAM PUROHIT

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