घनन घनन घन घनन घनन घोर घटाएं चाय रि
उमड़ घुमड़ के आए बादल मन मै प्रेम जगाए री...
छम छम बरसे जीयरा तरसे मेघा पानी लाए री
दम दम दम दम दामिनी दमके
पवन चले बलखाए री
नन्ही-नन्ही नन्ही-नन्ही
नन्ही-नन्ही बुंदिया री सावन का मेरा झूलना
नन्ही-नन्ही बुंदिया रे सावन का मेरा झूलना(x2)
एक झूला डाला मैंने बाबूल जी की राज में..
मेरी अम्मा जी की राज में
हरी हरी बगिया रे सावन का मेरा झूलना
नन्ही नन्ही बुंदिया रे सावन का मेरा झूलना
एक झूला डाला मैंने भैया जी के राज में
अरे भाभी जी के राज में
हरी हरी चूड़ियां रे सावन का मेला झूलना
नन्ही नन्ही बुंदिया रे सावन का मेरा झूलना
एक झूला डाला मैंने सैया जी के राज में
अरे राजा जी के राज में
हरी हरी चुनरी रे सावन का मेरा झूलना
नन्ही नन्ही बुंदिया रे सावन का मेरा झूलना
*****************************
Lyrics Submitted by Mudita Srivastava
Lyrics provided by https://damnlyrics.com/