Kale Ko Lal Banaye Gayi

Vinod Aggarwal

कारे को लाल बनाए गयी रे गोरी बरसाने वाली
बरसाने वाली गोरी बरसाने वाली
कारे को लाल बनाए....

1. अंग अंग रचे अवीर कुमकुमा -2
तोड़: भर भर मूठ उड़ाय गयी रे, गोरी बरसाने...

2. नक पेसर गलमाय कंचुकी -2
तोड़: ऊपर से चुनर उड़ाय गयी रे गोरी बरसाने...

3. छीर मुकुट सिर धरि चन्द्रिका -2
तोड़: गुलचा गाल लगाय गयी रे, गोरी बरसाने....

4. पाँव में पायल नैनो में कजरा -2
तोड़: बिंदिया भाल लगाय गयी रे, गोरी बरसाने वारी...

5. बरजोरी करि एक न मानी -2
दे दे ताल नचाय गयी रे, गोरी बरसाने...

6. नारी बनाय जोड़ के नाता -2
ऊपर से ठेंगा दिखाय गयी रे, गोरी बरसाने...

7. नारायण मन फिर भी ना मानो -2
हंस के कण्ठ लगाय गयी रे गोरी बरसाने....

Lyrics Submitted by Sunil Parashar

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