(हैं आँख वो ) 2 जो श्याम का दर्शन किया करे
हैं शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे
(बेकार वोह मुख है ) 2 जो रहे व्यर्थ बातों में
बेकार वोह मुख है जो रहे व्यर्थ बातों में
मुख वोह है जो हरी नाम का सुमिरन किया करे
हीरे मोति से नहीं शोभा है हाथ का
है हाथ जो भगवान का पूजन किया करे
मर कर भी अमर नाम है उस जीव का जग Me
प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे
ऐसी लागि लगन ...
ऐसी लागि लगन ...
ऐसी लागि लगन लगी लगी रे लगन
ऐसी लागि लगन मीरा होगयी मगन (2)
वोह तो गली गली हरी गुण गाने लगी
महलो में पली बनके जोगन चली (2)
मीरा रानी दीवानी कहने लगी
ऐसी लागि लगन मीरा होगयी मगन
वोह तो गली गली गली गली गाने लगी
कोई रोके नहीं कोई टोके नहीं
मीरा गोविंदा गोपाला गाने लगी
कोई रोके ... नहीं
कोई टोके ... नहीं
मीरा गोविंदा गोपाला गाने लगी
बैठे संतों के संग रंगी मोहन के रंग
मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी
वो तो गली गली हरी गुण गाने ... लगी
ऐसी लगी लगन मीरा होगये मगन
वोह तो गली गली गली गली हरी हरी गुण गाने लगी
महलो में पली बनके जोगन चली (11) 6... 9...
मीरा रानी दीवानी कहने लगी
ऐसी लागी लगन
राणा ने विष दिया मानो अमृत पिया (2)
पानी दानी प् ध म प् ग म रे ग
सा रे ग प् म प् ग म रे म
ग म रे ग सा ग रे ग
सा रे न नि नि नि सा रे नि सा नि प्
Gari ni pa
Sa sa ni sa sa ni
Sa sa ri sa sa ni
Sa sa ri sa sa ni
Sa sa ga sa sa ni
Sa sa ri sa sa ni
Sa da pa sa sa ni
Sa sa ga ga ga ma ma pa pa pa
राणा ने विष दिया मानो अमृत पिया
मीरा सागर में सरिता समाने लगी
दुःख लाखो सहे मुह से गोविंदा कहे
मीरा गोविन्द गोपाला गाने लगी
वोह तो गली गली गली गली हरी गुण गाने लगी
महलो में पली बनके जोगन चली
मीरा रानी दीवानी कहने लगी
ऐसी लागी लगन मीरा होगयी मगन (3)
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Lyrics submitted by kapilesh najwal.