damnlyrics.com

Nirgun Rangi Chadariya (Original)

निर्गुन रंगी चादरिया रे, कोई ओढे संत सुजान

कोई कोई बिरला जतन करावे

या कोई चुनरी पिय के मन भावे

कितने ओढ़ भए बैरागी, भए कई मस्तान ।

नाम की तार से बुनी चदरिया

प्रेम भक्ती से रंगी चदरिया

सतगुरु कृपा करे सो पावै, चहुवन मोलक ग्यान ।

पोथी पढ़ी पढ़ी नैन गँवाए

सतगुरु नाथ शरण नही आवे

हरी नारायण निर्गुुण सगुण, सबही में पहचान ।

Lyrics Submitted by Sitaram Parik

Enjoy the lyrics !!!