Sur Vahi Saazon Pe Chalti Hui Aawaaz Vahi - Gulzar
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Sur Vahi Saazon Pe Chalti Hui Aawaaz Vahi Lyrics
सुर वही साज़ों पे चलती हुई आवाज़ वही
हाँ वही रंग है मेहकी हुई खुसबू भी वही
अब भी साखो पे वही सब्नमी कतरे कतरे
अब भी चलती है सबाब पत्तों पे पाऊँ रख कर
जुक कर पानी में ताका करती है चेहरा लेकिन
एक शुबह और भी है
तेरी आवाज़ से लिपटी हुई खामोशी का सुर
Lyrics Submitted by Aditi kumari
Enjoy the lyrics !!!